सात वार नौ त्यौहार वाले शहर बनारस में रंगभरी एकादशी पर शुक्रवार को अनूठा रंगोत्सव देखने को मिला। शुक्रवार को रविन्द्रपुरी स्थित भगवान कीनाराम स्थली क्रीं कुंड से औघड़ संतों ने विशाल शोभायात्रा निकाली। जिसमें हजारों की संख्या में लोग नाचते-गाते नजर आए।
शिवभक्तों ने बाबा की अगवानी में काशी की गलियों में गुलाल की होली खेली। विश्वनाथ गली अबीर-गुलाल की बौछार से लाल हो गई। माता गौरा के गौना की बरात पहुंचने के साथ ही रंगभरी एकादशी का उल्लास काशी के कण-कण में छा गया है।
घरातियों ने दूल्हा बने बाबा विश्वनाथ पर ठंडई और गुलाबजल की फुहार की। फल, मेवा और ‘रंगभरी ठंडई’ से आवभगत किया।
पूजन, अनुष्ठान के विधान पं. सुनील त्रिपाठी के आचार्यत्व में हुए। बाबा का ससुराल में स्वागत धर्मसंघ शिक्षा मंडल के महामंत्री जगजीतन पांडेय ने किया।
शोभायात्रा जब हरिश्चंद्र घाट पर पहुंचेगी तो भोले बाबा और मां पार्वती जलती चिताओं के बीच भस्म की होली खेलेंगे। रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद यानी चार मार्च को महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म की होली खेली जाएगी। जो देखने लायक होगी।