ISRO: 2023 के मध्य में लॉन्च हो सकते हैं चंद्रयान 3 और आदित्य एल1, इसरो चीफ बोले- यह एक बड़ी सफलता होगी।
इसरो चीफ ने कहा कि यह अपने आप में बेहद खास मिशन होगा जो सूरज की गतिविधियों का विश्लेषण करेगा। इस मिशन के लिए इंस्ट्रूमेंट्स पहले से ही भेजे जा चुके हैं फिलहाल इसरो इन इंस्ट्रूमेंट्स को सैटेलाइट के साथ एकीकृत करने में जुटा है।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बुधवार को बताया कि भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान 3 और पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 को इसी साल के मध्य तक लॉन्च किया जा सकता है। फिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री द्वारा आयोजित चौथी 'इंडियन प्लैनेटरी साइंस कॉन्फ्रेंस' में 'इंडियन कैपेबिलिटीज फॉर स्पेस एंड प्लैनेटरी एक्सप्लोरेशन' विषय पर बोलते हुए एस सोमनाथ ने यह जानकारी दी।
जानिए क्या बोले इसरो चीफ
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान 3 मिशन के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है। यह पूरी तरह से एकीकृत हो चुका है। हालांकि अभी कुछ काम किया जाना बाकी है लेकिन कई परीक्षणों के बाद हम मिशन को लेकर विश्वास से भरे हैं। इसरो चीफ ने कहा कि 2023 के मध्य में ही इसे लॉन्च किया जा सकता है। पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 पर उन्होंने कहा कि यह अपने आप में बेहद खास मिशन होगा जो सूरज की गतिविधियों का विश्लेषण करेगा। इस मिशन के लिए इंस्ट्रूमेंट्स पहले से ही भेजे जा चुके हैं फिलहाल इसरो इन इंस्ट्रूमेंट्स को सैटेलाइट के साथ एकीकृत करने में जुटा है। आदित्य एल1 मिशन को लेकर एस सोमनाथ ने कहा कि वह इस मिशन को लेकर उत्साहित हैं और उन्हें विश्वास है कि यह मिशन सफल होगा।
चंद्रयान 3 मिशन के लिए अहम होगी लैंडिंग
इसरो के अनुसार, चंद्रयान 3, चंद्रयान 2 का ही अगला प्रोजेक्ट है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं। एस सोमनाथ ने बताया कि यह चंद्रयान 2 की तरह ही दिखेगा, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान 3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। मिशन की सफलता के लिए नए इंस्ट्रुमेंट बनाए गए हैं, एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है और जिन वजहों से चंद्रयान 2 मिशन असफल हुआ, उन पर फोकस किया गया है।
आदित्य एल1 से होगा ये अध्ययन
आदित्य एल1 मिशन को लेकर इसरो चेयरमैन ने कहा कि आदित्य एल1 सूर्य के लागरेंगियन पॉइंट तक जाएगा क्योंकि इस पॉइंट पर बहुत ज्यादा डिस्टर्बेंस नहीं होती है और यहां से आदित्य एल1 लंबे समय तक सूरज पर होने वाली गतिविधियों का अध्ययन कर सकेगा। सोमनाथ ने कहा कि हमारा मिशन काफी अनोखा होगा और इससे काफी कुछ जानने को मिल सकता है। आदित्य एल1 मिशन से सूरज पर होने वाले पार्टिकल एमिशन का अध्ययन किया जाएगा और यह भी पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि सूरज पर होने वाली गतिविधियां अंतरिक्ष के मौसम को किस तरह से प्रभावित करती हैं। मिशन के लिए जो इंस्ट्रुमेंट्स इस्तेमाल किए जाएंगे, फिलहाल उनका परीक्षण चल रहा है।
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