राज्य के प्रथम मल एवं गाद शोधन संयंत्र का जलशक्ति मंत्री ने किया उद्घाटन
नमामि गंगे द्वारा वित्त पोषित प्रदेश के प्रथम मल एवं गाद शोधन संयंत्र का मंगलवार को जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 2016 में राष्ट्रीय स्वच्छ मिशन के अंतर्गत जल की निर्मलता और अविरलता को ध्यान में रखते हुए शौचालय पर जोर दिया गया। उन्होंने आने वाले दिनों में पेयजल के संकट से आगाह करते हुए कहा कि पानी को कैसे सुरक्षित रखें यह सोच का विषय है। जागरूक होकर ही देश,जीव,जंतु और नागरिकों को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने सिंगापुर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पानी और मिट्टी दोनों खरीदा जाता है। पानी के सदुपयोग करने और दुरपयोग रोकने की बात पर जोर देते हुए कहा कि यदि हर घर नल से जल मिल रहा है तो अन्य जल स्रोत का औचित्य क्या है?1
10 हजार लीटर प्रतिदिन शोधन क्षमता वाले इस संयंत्र की स्थापना 2.73 करोड़ की लागत से की गई है। घरों के सेप्टिक टैंकों से मल एवं गाद यहां लाकर शोधन किया जायेगा। इसकी कार्यदाई संस्था गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई उप्र जल निगम है इस कार्य में सेंटर फार साइंस एंड एनवॉयरमेंट नालेज पार्टनर है।
इस दौरान सीएसई दिल्ली की सुमिता सिंघल, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे अमरेन्द्र कुमार वर्मा, उपजिलाधिकारी नवनीत सेहारा, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के अपर कार्यक्रम निदेशक प्रवीण मिश्रा, कु0 शेफाली, नीरज पांडेय, क्षेत्राधिकारी उमाशंकर सिंह, जलकल अभियंता सौरभ सिंह, सफाई निरीक्षक लालमणि, पूर्व सभासद ज्योति प्रकाश सिंह, मेजर कृपाशंकर सिंह, विजय वर्मा, विवेक सिंह, ॐ शांति संस्था की बीनू दीदी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अधिशाषी अधिकारी राजपति बैश ने किया।
What's Your Reaction?