विधिक सेवा प्राधिकरण ने मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला सप्ताह
प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र गुरुसण्डी के सभागार में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देश पर अन्तर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं एवं महिलाओं के हित संरक्षण का उद्घोष करते हुए महिलाओं के समस्याओं की समाधान हेतु उपलब्ध तंत्र और न्यायिक व्यवस्था में केन्द्रीय संसद में भारतीय दण्ड संहिता 1860 दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1901 घरेलू हिंसा निवारण अधिनियम 2005 इत्यादि एवं पूर्व गर्भाधान और प्रसवपूर्व निदान तकनीक पी0सी0पी0एन0डी0डी0 अधिनियम 1994 के तहत के उन प्रावधानों से अवगत कराना है जो महिलाओं एवं बालिकाओं के हित में संरक्षण विषय पर अपर जिला जज, एफ.टी.सी. / सचिव डी.एल. एस.ए, लाल बाबू यादव ने उपस्थित स्टाफ नर्स, ए.एन.एम आगवाड़ी कार्यकत्रियों, संगिनी, आशा बहुओं, महिला समूह की महिलाओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि महिलाओं के हित व संरक्षण के लिए विभिन्न कानून भारतीय दण्ड संहिता 1986 में चारा उकए एवं 326बी जोड़कर वर्ष 2013 में अम्लीय हमले में शारीरिक क्षति के अपराध में आजीवन करावार तक के दण्ड का प्रावधान किया है। इसी प्रकार वर्ष 2013 में ही संशोधन करके धारा 376 धारा 376 376बी एवं बलात्कार के कतिपय मामलों में मृत्युदण्ड का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त यह भी प्रावधान किया गया है कि बलात्कार संबंधी अपराधों में आजीवन कारावास का तात्पर्य शेष प्राकृतिक जीवन भर का कारावास होगा के साथ साथ महिलाओं के हित व सरंक्षण हेतु और भी कानून बनाये गये हैं जैसे महिलाओं का घरेलू हिंसा से सरंक्षण अधिनियम-2005, दहेज प्रतिषेध कानून 1961, बच्चियों / बच्चों का लैंगिक अपराधों से सरदान अधिनियम(पॉक्स) 2012 महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन शोषण निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 एवं पूर्व गर्भाधान और प्रसवपूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम-2006, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006, गिरफ्तारी से पूर्व गिरफ्तारी के समय एवं उसके बाद महिलाओं के अधिकार के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी पर विशेष बल देते हुए कहा कि पति-पत्नी के वैवाहिक विवाद प्री-लिटिगेशन के तौर पर कोई भी पक्षकार अपना प्रार्थना पत्र देकर सुलह-समझौता के माध्यम से निदान प्राप्त कर सकता है। शिविर में मनस्टाप सेन्टरका श्रीमती पूजा मार्या, महिला कल्याण विभाग से शालिनी सिंह ने स्टाफनर्स, ए.एम. आगवाड़ी कार्यकत्रियों, संगिनी, आशा बहुओं, महिला समूह की महिलाओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि मिशन के तहत मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना की विस्तृत जानकारी दी साथ ही प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 प्रदीप कुमार एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी बी.एन.यादव ने PCPNDT Act अधिनियम 1994 के तहत कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए बनाया गया है। जनपद मुख्यालय एवं सभी तहसील स्तर पर चलाये जा रहे कुल पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड पैथोलाजी सेन्टर हैं जिनका समय समय पर निरीक्षण नामित चिकित्सक द्वारा किया जाता है। यदि किसी सेन्टर पर कन्या भ्रूण लिंग परीक्षण होना पाया जाता है तो कानूनी कार्यवाही की जाती है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विन्ध्याचल मंडल में मीरजापुर में बाल लिंगानुपात 1000 पुरुष के सापेक्ष 902 महिलाएं हैं जबकि यह लिंगानुपात ऋणात्मक है जिसे बढ़ाने का निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।शिविर में दीपक कुमार श्रीवास्तव, पी.एल.वी. श्रीमती कल्पना यादव, श्रीमती रूपा गुप्ता, कृष्ण कुमार, ओमप्रकाश कसेरा एवं गुरसण्डी अस्पताल के नर्स, एएनम एवं आगवाड़ी कार्यकत्रियों, संगिनी, आशा बहुओं, महिला समूह की महिलाओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
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