अहिल्याबाई होलकर के आदर्शों को आत्मसात करें जनप्रतिनिधि परिवार और समाज
चुनार। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ चुनार जिला की ओर से अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी जन्म जयंती समारोह रविवार को नरायनपुर ब्लाक सभागार में आयोजित हुआ।
अहिल्याबाई होलकर के जीवन से प्रेरणा लेकर आज जन प्रतिनिधियों, समाज एवं परिवार के लोगों को उनके आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वह बहुत छोटे उम्र की थीं तो उनके गांव आए संत ने कहा था कि बालिका वैश्विक स्तर पर नाम करेगी तो उनके परिजनों को यह बात समझ में नहीं आई। एक घटना के चलते बाल विवाह के बाद वह राजपरिवार की बहू हो गईं। उनके पिता एवं नाना पक्ष के लोग सेना में थे जिसका उनके जीवन पर बड़ा प्रभाव था उन्होंने धीरे धीरे राज्य व्यवस्था के बारे में जानकारी लेना शुरू किया।
युद्ध के दौरान पति की मृत्यु के बाद अपने ससुर के काफी अनुनय विनय के बाद उन्होंने राज्य की सेवा का व्रत लिया। व्यवस्था समृद्ध बनाने के लिए किसानों, उद्यमियों, महिलाओं आदि को संगठित कर उनके उपयोग के उद्योगों को स्थापित किया। वह प्रजा को पुत्रवत मानकर उसके सुख दुःख में शामिल होती थीं। भविष्य के भारत को उनके पदचिन्हों पर चलते हुए पुनः प्रतिस्थापित करते हुए संघ की जो परिकल्पना है उसे पूरा करना है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई का शासन रामराज्य से किसी तरह कम नहीं था। इस दौरान विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य सुधा चतुर्वेदी, रामबहादुर पाल, जिला संघ चालक गौतम जी, जिला प्रचारक आलोक जी, विधायक चुनार अनुराग सिंह, विधायक मड़िहान रमाशंकर सिंह, चुनार विधायक प्रतिनिधि आलोक सिंह सहित सभा नगर एवं खंडों के कार्यकर्ता बंधु उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य मेजर कृपाशंकर सिंह एवं संचालन जिला कार्यवाह रामबालक जी ने किया।
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