बेटी ने लीवर देकर बचाई थी जान अब पत्नी देगी किडनी।
ईश्वर के खेल बड़े निराले होते हैं। ईश्वर के प्रति विश्वास और निष्ठा हो तो बड़े से बड़ी समस्या का समाधान भी वह खुद ही पास में उपलब्ध कराता है। चुनार तहसील में जमालपुर क्षेत्र के बहुआर गांव निवासी पूर्व प्रधान रविप्रकाश त्रिपाठी को 2016 में उनकी विवाहिता बेटी वीणा उपाध्याय ने लीवर देकर जान बचाई थी तो अब पत्नी पूर्व प्रधान सरिता त्रिपाठी ने अपने सुहाग को नया जीवन देने के लिए अपना किडनी देने का निर्णय लिया है। बेटी व पत्नी के निर्णय की जोरों पर चर्चा है। माँ बेटी अपने फर्ज को निभाने में जरा भी पीछे नहीं हैं। बेटी वीणा का कहना है कि मैने बेटी होने का धर्म निभाया है तो पत्नी सरिता ने बताया कि नारी के लिए पति को भगवान का दर्जा प्राप्त है ऐसे में पति की प्राण रक्षा के लिए शरीर के एक एक अंग को काट कर देना पड़े तो भी पीछे नहीं हटूंगी। चिकित्सकीय टीम ने 10 जून को किडनी ट्रांसप्लांट की तिथि तय किया है तो 1 जून से वह और उनकी पत्नी चिकत्सक की देखरेख में हैं।
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